wazirx: भारत के इस 36 साल के कोडर ने कैसे बनाया सबसे बड़ा क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज

टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट के जरिए कंपनियां लाती हैं शेयर बायबैक, क्या है दोनों के बीच का अंतर

शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां कई बार अपने स्टॉक बायबैक का ऐलान करती हैं. शेयर बायबैक दो तरीकों से लाया जाता है, पहला टेंडर ऑफर के जरिए और दूसरा ओपन मार्केट के जरिए. इन दोनों प्रोसेस में क्या अंतर होता है और ये दोनों प्रोसेस एक दूसरे से कैसे अलग हैं, इस वीडियो में समझते हैं.

Stock Market vs Stock Exchange: स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? समझिए

Stock Market vs Stock Exchange: स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? समझिए

Stock Market vs Stock Exchange: एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)

Stock Market vs Stock Exchange: आम तौर पर, लोग कुछ अधिक आय का आनंद लेने के लिए फाइनेंसियल मार्केट में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार, उन्हें करेंसी मार्केट की शर्तों का ज्ञान नहीं है। एक नौसिखिया के लिए 'शेयर', 'स्टॉक' और 'इक्विटी' जैसे शब्दों को समझना मुश्किल है। लेकिन स्पष्ट समझ नहीं होने से समस्या हो सकती है।

एक निवेशक को निवेश शुरू करने से पहले इन शर्तों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए। उनके अर्थों से अवगत होने से आपको समझदारी से निवेश करने में मदद मिलती है। इस लेख में, हम स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज (Stock Market vs Stock Exchange) के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि उनके अंतर क्या हैं। एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)

स्टॉक मार्केट क्या है? | What is Stock Market in Hindi

शेयर मार्केट खरीदारों और विक्रेताओं के एकत्रीकरण को संदर्भित करता है जो स्टॉक में व्यापार करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज बुनियादी ढांचे को संदर्भित क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? करता है जो शेयरों की ऐसी खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। स्टॉक एक्सचेंज एक फॉर्मल आर्गेनाइजेशन है जो कंपनियों को अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने और उन्हें जनता को बिक्री के लिए पेश करने में सक्षम बनाता है।

शेयर मार्केट एक व्यापक शब्द है जो उन सभी कंपनियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक निवेशकों को खरीदने के लिए अपने शेयर सूचीबद्ध करती हैं। इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजार शामिल हैं और यह ओटीसी (काउंटर पर) ट्रेडिंग, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और स्टॉक एक्सचेंजों का एक कॉम्बिनेशन है। यह वह मंच है जहां व्यापार होता है, कंपनियों को अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए जनता से पूंजी जुटाने में सक्षम बनाता है।

निवेशकों की भावना के आधार पर शेयर मार्केट को तेजी या मंदी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। एक बाजार जहां निवेशक भविष्य के मुनाफे की प्रत्याशा में शेयर खरीदना चाहते हैं, एक बुल मार्केट है। एक बियर बाजार एक ऐसे बाजार को संदर्भित करता है जहां निवेशक बाजार में गिरावट की प्रत्याशा में अपनी होल्डिंग का निपटान करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्टॉक एक्सचेंज क्या है? | What is Stock Exchange in Hindi

स्टॉक एक्सचेंज वे संस्थाएं हैं जो लिस्टिंग के लिए शर्तों को निर्धारित करके, व्यक्तियों, व्यापारियों और दलालों को सेवाएं प्रदान करके और कीमतों में उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर नज़र रखकर शेयरों में व्यापार की सुविधा प्रदान करती हैं। इस प्रकार, स्टॉक एक्सचेंज खरीदारों और विक्रेताओं को एक आम बैठक बिंदु पर एक साथ लाते हैं, जो फिजिकल या वर्चुअल हो क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? सकता है।

भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) हैं। देश में ज्यादातर शेयर ट्रेडिंग इन्हीं दो एक्सचेंजों के जरिए होती है। BSE एशिया में स्थापित होने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था और यह दुनिया के सबसे तेज एक्सचेंजों में से एक है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी और यह देश में पहला डिम्युचुअलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज होने का दावा करता है।

Stock Market vs Stock Exchange

स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक मार्केट के बीच अंतर इस प्रकार हैं-

स्टॉक मार्केट सभी प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग के लिए एक सामान्य शब्द है, जबकि स्टॉक एक्सचेंज वह इकाई है जो इस तरह के व्यापार की सुविधा प्रदान क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? करती है।

शेयर मार्केट में OTC, इलेक्ट्रॉनिक और स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग शामिल हैं। यह शेयर मार्केट का एक अभिन्न अंग है।

स्टॉक मार्केट स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक मिलन स्थल है जबकि स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी इकाई है जो लाभ के उद्देश्य से काम करती है।

शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज दोनों ही अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तरलता पैदा करके, वे आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है?

क्रिप्टोकरेंसी, हाल के दिनों में सबसे नवीनतम और रोमांचक असैट वर्गों में से एक के रूप में उभरी है। भारत में भी, शुरुआती आशंकाओं ने क्रिप्टोकरेंसी की असीमित संभावनाओं में विश्वास पैदा किया है। अपने काम को और अधिक दिलचस्प बनाने और निवेशकों को उनकी क्रिप्टोकरेंसी यात्रा की शुरूआत करवाने के लिए, ZebPay और News18 Network मिल के, डिजिटल करेंसी से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर देने और उनमें निवेश करने का तरीका समझाने के लिए, वन-स्टॉप मीडिया हब 'क्रिप्टो की समझ' पेश कर रहे हैं। वित्त संबंधी भविष्य जानने के लिए तैयार हो जाइए!

Gold vs Crypto: अगर आप भी गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको बता रहे हैं बिटक्वाइन या गोल्ड में निवेश के लिए कौन बेहतर?

Bitcoin accepts as Payment: बेंगलुरु में एक चाय के स्टाल पर क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया, जब ग्राहकों ने खुद बिटकॉइन के माध्यम से अपनी चाय के लिए भुगतान करने की पेशकश की. ग्राहकों के इस तरीके से दुकान का मालिक भी उत्साहित है क्योंकि वह खुद क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करता है.

बिटकॉइन की कीमत शनिवार सुबह 18.36 लाख रुपये थी, जिसमें 40.03 फीसदी का दबदबा था. CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, यह दिन भर में 0.01 प्रतिशत की वृद्धि थी.

चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही, सरकार ने क्रिप्टो संपत्ति या वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) के लिए एक विशेष कर व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर 30% की एक समान दर से कर लगाया जाता है, चाहे आपका टैक्स स्लैब कुछ भी हो.

फंडामेंटल लेवल पर देखेंगे तो क्वॉइन और टोकन लगभग एक समान हैं. इन दोनों क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? में वैल्यू होती है और दोनों से पेमेंट किया जा सकता है. आप इन दोनों को एक दूसरे से बदल भी सकते हैं. आइए समझते हैं इन दोनों क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? में अन्तर क्या है.

डेटा एनालिटिक्स फर्म Chainalysis के मुताबिक, पिछले साल निवेशकों ने Cryptocurrency में खूब मुनाफा कमाया है. क्रिप्टो में निवेश करने वालों का मुनाफा करीब 400 बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक कमाई के मामले में बिटक्वाइन को पीछे छोड़ते हुए Ethereum सबसे ज्यादा कमाई करवाने वाली करेंसी रही.

Scam in the Name of Crypto Investment: अहमदाबाद के शख्स ने क्रिप्टोकरेंसी में 22 लाख रुपये का निवेश किया और बदले में उसे सिर्फ 1.24 लाख का रिटर्न मिला. क्रिप्टो माइनिंग इनवेस्टमेंट स्कैम के तहत माटुंगा के एक स्कूल टीचर से 2.47 लाख रुपये ठगे गए.

Cryptocurrency में होने वाली धोखाधड़ी या क्रिप्टो वॉलेट से करेंसी की होने वाली ऑनलाइन चोरी को निवेशक कुछ स्मार्ट तरीकों से रोक सकते हैं और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं

क्रिप्टो से जुड़ी मूल बातें समझने के लिए, क्रिप्टो से संबंधित एडवांस शब्दों को जानना और समझना जरूरी है.

Cryptocurrency prices today : सोमवार, 17 जनवरी 2022 को भी क्रिप्टोकरंसी बाजार में पिछले 24 घंटों के दौरान 0.96% की गिरावट आई है. दोनों बड़े कॉइन बिटकॉइन (Bitcoin prices today) और इथेरियम (Ethereum prices today) नेगेटिव थे. कार्डानो (Cardano) में 12 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखा गया.

आइए, पहले समझते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, एक कारोबार या कंपनी है जो ग्राहकों को क्रिप्टो एसेट खरीदने और उनका कारोबार करने की अनुमति देता है. एक्सचेंज अनिवार्य रूप से ग्राहक को पारंपरिक बैंक खातों या अन्य भुगतान विधियों जैसे यूपीआई (UPI) आदि से पारंपरिक मुद्रा जैसे भारतीय रुपया स्वीकार करके क्रिप्टो एसेट खरीदने की सुविधा देता है.

क्रिप्टो एसेट को हर जगह मान्यता मिल जाने से और Bitcoin और Ether जैसे कॉइन के अब तक सर्वाधिक तेजी से बढ़ने से क्रिप्टो की दुनिया में कदम रखने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता. पर थोड़ा रुकिए, इससे पहले कि आप ट्रेडिंग शुरू करें और पॉवर क्रिप्टो यूजर बन जाएं, तो आपको एक नो योर कस्टमर यानी केवाईसी (KYC) प्रक्रिया से गुजरना होता है.

क्या आप कनफ़्यूज हैं कि कौन सी क्रिप्टोकरेंसी खरीदें? मार्केट वैल्यू के आधार पर 10 मुख्य क्रिप्टोकरेंसी में से सही करेंसी कैसे चुनें? इसके बारे में सब कुछ यहां जानें.

cryptokisamajh-भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं. Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है.

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देखें कि कैसे भू-राजनीतिक भय ने क्रिप्टो बाजार को प्रभावित किया, ओपन सी की एनएफटी चोरी के बारे में जानें और दुनिया भर से बहुत कुछ केवल ZebPay और News18 प्रस्तुत करता है. #CryptoKiSamajh

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केवल ZebPay और News18 नेटवर्क पर #CryptoKiSamajh पर स्टॉक और क्रिप्टो मुद्रा के बीच बुनियादी अंतर को समझें।

क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों के बारे में यहांं जान‍ि‍ए सब कुछ

न‍िवेश का अच्‍छा व‍िकल्‍प

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ निवेश के कई विकल्पों में से एक है. म्यूचुअल फंड सहित कई निवेशक ईटीएफ के बारे में बहुत नहीं समझते हैं. यही वजह है कि इसके बारे में बुनियादी चीजों को जानना जरूरी है. आइए, यहां इनके बारे में ऐसी ही 5 अहम चीजों के बारे में जानते हैं.

कैसे काम करते हैं?

कैसे काम करते हैं?

म्‍यूचुअल फंड की तरह ईटीएफ प्रतिभूतियों का एक समूह या बास्‍केट होता है. इस तरह के फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वजन होता है, स्कीम में उसी अनुपात में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसका मतलब यह है कि ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? इंडेक्स जैसा ही होता है, जिसको वे ट्रैक करते हैं. इस तरह इंडेक्स फंडों का पोर्टफोलियो उस इंडेक्स से मिलता-जुलता होता है जिसे वे ट्रैक करते हैं. इस तरह के इंडेक्‍स में निफ्टी या एसएंडपी बीएसई सेंसेक्‍स आदि शामिल हो सकते हैं.

ईटीएफ और म्‍यूचुअल फंड में क्‍या फर्क है?

ईटीएफ और म्‍यूचुअल फंड में क्‍या फर्क है?

ईटीएफ म्यूचुअल फंड जैसे होते हैं. लेकिन, दोनों में बड़ा अंतर यह है कि ईटीएफ को किसी शेयर की तरह स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है. यानी शेयर बाजारों में इनकी ट्रेडिंग होती है. जिस तरह आप शेयरों को खरीदते-बेचते हैं. ठीक वैसे ही आप एक्सचेंज के कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ को भी खरीद-बेच सकते हैं. ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.

कितने तरह के होते हैं?

कितने तरह के होते हैं?

देश में 3 तरह के ईटीएफ हैं. इनमें इक्विटी ईटीएफ, डेट ईटीएफ और गोल्‍ड ईटीएफ शामिल हैं. तीनों तरह के ईटीएफ में अपनी जरूरत के अनुसार आप निवेश कर सकते हैं. जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.

wazirx: भारत के इस 36 साल के कोडर ने कैसे बनाया सबसे बड़ा क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते क्रेज के बीच भारत के लोगों में भी क्रिप्टो निवेश की चाहत तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह इससे मिलने वाला भारी मुनाफा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के एक करोड़ से ज्यादा नए निवेशक बने हैं।

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wazirx: भारत के इस 36 साल के कोडर ने कैसे बनाया सबसे बड़ा क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज

निश्चल शेट्टी की योजना

भारत में क्रिप्टो करेंसी के दीवानों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। इसका फायदा भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वजीरएक्स को भी मिल रहा है। अगर बात साल 2021 के पहले 6 महीने की करें तो वजीरएक्स के क्रिप्टो ट्रेडिंग बिजनेस में 12 गुना की वृद्धि हुई है। इसके बाद वजीरएक्स देश का सबसे बड़ा डिजिटल करेंसी एक्सचेंज बन गया है। वजीरएक्स के संस्थापक निश्चल शेट्टी ने भारत में वजीरएक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में काफी बड़ा नाम स्थापित कर लिया है। निश्चल शेट्टी की योजना अब वजीरएक्स को भारत का पहला billion-dollar क्रिप्टो यूनिकॉर्न बनाने की है।

वजीर एक्स का कारोबार

मुंबई के रहने वाले 36 साल के निश्चल शेट्टी ने कभी नहीं सोचा था कि उनका यह क्रिप्टो ट्रेडिंग स्टार्टअप (Crypto trading startup WazirX) इतनी तेजी से आगे बढ़ सकता है। WazirX के को-फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी (Nischal Shetty ) ने साल 2017 में WazirX की शुरुआत की थी। तब से लेकर साल 2020 तक WazirX के सिर्फ 10 लाख यूजर थे और अब इस साल अकेले मई महीने में 10 लाख नए यूजर वजीर एक्स से जुड़ गए हैं। इस समय वजीर एक्स पर ट्रेडिंग वाल्यूम 35,000 करोड़ प्रति महीने पर पहुंच गया है।

कैसे शुरू हुआ वजीरएक्स

निश्चल शेट्टी ने साल 2017 में बिटक्वाइन (Bitcoin) में निवेश करने की कोशिश की। शेट्टी ने कहा, "उस वक्त मैं एक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर गया, लेकिन वह प्लेटफाॅर्म इतना स्लो और जटिल था कि मुझे निवेश करने में हफ्ता लग गया। तब तक बिटक्वाइन की वैल्यू बढ़ चुकी थी और मैं निवेश नहीं कर पाया। उस वक्त मुझे एक आसान क्रिप्टो एक्सचेंज की जरूरत महसूस हुई।" इसके बाद शेट्टी ने अपने कुछ जानकारों को इसके बारे में बताया और इस पर काम शुरू कर दिया। शेट्टी ने 10 लोगों की एक टीम बनाई और फिर 2 महीने में वजीर एक्स तैयार हो गया। धीरे-धीरे wazirx को यूजर्स फ्रेंडली बनाया गया।

बाइनेंस को खरीदा

निश्चल शेट्टी का वजीर एक्स एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसमें यूजर को बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन और रिपल्स जैसी लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी खरीदने, बेचने या ट्रेड करने का मौका मिलता है। शेट्टी ने वजीरएक्स की शुरुआत क्रिप्टो करेंसी में खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए की थी। लॉन्च होने के 2 साल से भी कम समय में वजीरएक्स ने बाइनेंस (Binance) का अधिग्रहण कर लिया। बाइनेंस (Binance) उस समय दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज थी।

सोशल मीडिया मैनेजमेंट

इसके बाद अप्रैल में निश्चल शेट्टी के वजीरएक्स की वैल्यू बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गई। इसके बाद भी वजीरएक्स के संस्थापकों का कारोबार सोशल मीडिया बिजनेस के जरिए ही चलता रहा। शेट्टी ने कहा, "मेरे कारोबार की शुरुआत सोशल मीडिया मैनेजमेंट से हुई। अगर आपके पास टि्वटर, इंस्टाग्राम अकाउंट है तो आप इसे एक जगह से मैनेज कर सकते हैं।" साल 2010 में शेट्टी ने अपना पहला बिजनेस शुरू किया था। इसी साल उनकी कंप्यूटर साइंस की डिग्री पूरी हुई थी।

ब्लॉकचेन तकनीक पर काम

निश्चल शेट्टी ने पहले क्राउडफायर नाम से एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश की। दुनिया में काम कर रही सोशल मीडिया कंपनियां क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के जरिए थर्ड पार्टी डेवलपर को अपने जैसा कारोबार बनाने से रोकती हैं। इस वजह से शेट्टी और साथियों को लगा कि इस योजना में बदलाव करने की जरूरत है। शेट्टी ने कहा कि इस वजह से उन्हें कई फीचर को हटाना पड़ा जो उनके लिए कमाई के साधन थे। उसके बाद शेट्टी ने ब्लॉकचेन पर काम करना शुरू किया। यह एक बंटा हुआ डेटाबेस होता है जिसमें किसी सिंगल पार्टी या कंपनी का कंट्रोल नहीं होता।

बिटकॉइन बना वरदान

जिस समय क्रिप्टो एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच क्या अंतर है? शेट्टी और उनके दोस्तों ने ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करना शुरू किया, उसी समय क्रिप्टो करेंसी उनके लिए वरदान बन कर सामने आई। खासतौर पर बिटकॉइन में दुनिया भर में लोगों की दिलचस्पी बढ़ने की वजह से उन्हें इस कारोबार में हाथ आजमाने का बड़ा मौका मिला। साल 2017 के अंत में शेट्टी और उनके दोस्तों ने सोचा कि वह अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर ब्लॉकचेन आधारित प्लेटफार्म बनाएं जिससे क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trade) की जा सके।

वजीर एक्स में हुआ बदलाव

निश्चल शेट्टी ने कहा, "मैंने यह महसूस किया कि इंटरनेशनल एक्सचेंज और भारतीय एक्सचेंज के कामकाज करने के तरीके में काफी अंतर है। हमने इंडियन इको सिस्टम को ध्यान में रखते हुए एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाने की पहल की और उसमें सफल साबित हुए।" वजीरएक्स के लॉन्च होने के कुछ हफ्ते बाद ही भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो रिलेटेड पेमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद वजीरएक्स ने खुद को बदलते हुए बायर और सेलर के बीच खुद को थर्ड पार्टी कस्टोडियन की तरह पेश कर दिया।

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