यूनिसेफ इंडिया अभी ‘इंडिविजुअल गिविंग कैंपेन यानि व्यक्तिगत दान अभियान’ चला रहा है, जिसमें सड़कों, आवासीय क्षेत्रों, कार्यालयों, और शॉपिंग मॉल या बाजारों में जाकर लोगों से दान करने की अपील करना शामिल है। शायद आपने भी हमारी टीम को ऐसा करते देखा होगा। हम फोन और सोशल मीडिया के ज़रिए भी लोगों तक पहुंच रहे हैं। ये सभी काम अधिकृत फंडरेजरों द्वारा किया जा रहा है, और इसके लिए हर फंडरेजर को एक वैध आईडी कार्ड भी जारी किया गया है। अगर आपको इस बात का शक हो कि यूनिसेफ के लिए फंडरेजर या व्यक्ति यूनिसेफ का नहीं है, तो आप उनका यूनिसेफ द्वारा जारी फंडरेजर आईडी कार्ड देख सकते हैं। आप नीचे दिए गए नंबरों के ज़रिए हमें अपनी किसी भी समस्या की रिपोर्ट भी कर सकते हैं।

यूनिसेफ इंडिया स्वैच्छिक योगदान पर क्यों निर्भर है?

Students involved in fundraising for UNICEF.

यूनिसेफ का भारत सरकार की साझेदारी के तहत भारत में जमीन स्तर पर काम करने का 70 से अधिक वर्षों का इतिहास रहा है, फिर भी बहुत से लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि यूनिसेफ अपने कामों को जारी रखने के लिए पूरी तरह से विभिन्न व्यवसायों या लोगों के योगदान पर निर्भर है। हाँ, यह बिल्कुल सच है। 1946 में विश्व स्तर पर और भारत में ऐसा क्यों है वित्तीय बाजारों में काम करता है 1948 में स्थापित करने के दौरान यूनिसेफ को संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी एजेंसी घोषित किया गया था जिसे संयुक्त राष्ट्र सचिवालय से योगदान प्राप्त नहीं होता है। इसलिए यूनिसेफ लोगों के साथ-साथ निजी व सार्वजनिक क्षेत्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता पर निर्भर करता है। भारत में हम सभी क्षेत्रों के लोगों ऐसा क्यों है वित्तीय बाजारों में काम करता है से मिलने वाले योगदान पर निर्भर हैं, और भारत में जुटाई गई पूरी राशि का इस्तेमाल केवल भारत के जरुरतमंद बच्चों की मदद करने हेतु किया जाता है।

वित्तीय साक्षरता की ताकत अब आम आदमी के हाथों में

वित्तीय साक्षरता की ताकत अब आम आदमी के हाथों में

किसी भी देश में देशव्यापी नीतियों पर काम करने के लिए सलाहकार, अर्थ शास्त्री, और नीति विशेषज्ञ होते हैं। लेकिन कई बार वित्तीय साक्षरता को एक बड़ी आबादी और आम आदमी तक पहुँचाने में काफी समय लग जाता है। हालाँकि ये बात तय है कि, तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश में, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने से देश की प्रगति को नई गति मिल सकती है।

किसी व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में वित्तीय साक्षरता का बहुत योगदान है। इसकी वजह से आपका वर्तमान ही नहीं, भविष्य भी सुरक्षित होता है। लेकिन वित्तीय साक्षरता है क्या? क्या ये किसी प्रकार ऐसा क्यों है वित्तीय बाजारों में काम करता है की पढ़ाई है ? आसान भाषा में समझें तो-- पैसे कैसे कमाये , बचाये और खर्च किए जाते हैं, इनकी जानकारी को वित्तीय साक्षरता कहते हैं। वित्तीय साक्षरता का मूल उद्देश्य है कि आपके पास जो भी वित्तीय साधन (या कमाई) है उसका कैसे सदुपयोग किया जा सके।

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