ग्रेटर चीन के लिए आईएनजी के मुख्य अर्थशास्त्री आइरिस पैंग ने कहा कि यात्रा नियमों में ढील “चिंताओं के स्तर को कम कर सकती है” [about] आम जनता के बीच कोविड,” बदले में “देश के भीतर गतिशीलता” और उपभोक्ता खर्च बढ़ रहा है।
चीन के फिर से खुलने को लेकर निवेशकों की चिंता से वैश्विक शेयर मौन |
© रॉयटर्स। FILE PHOTO: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन विनिमय दर और टोक्यो, जापान में निक्केई शेयर औसत प्रदर्शित करते हुए एक इलेक्ट्रिक मॉनिटर के सामने चलते हुए एक छाता पकड़े हुए एक व्यक्ति को सिल्हूट किया जाता है, जापान 14 जुलाई, 2022 REUTERS/Issei Kato
अंकुर बनर्जी और नाओमी रोवनिक द्वारा
सिंगापुर, लंदन (रायटर) – चीन द्वारा अपनी कोविड-पस्त अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की दिशा में और कदम उठाए जाने के बाद बुधवार को वैश्विक इक्विटी में बग़ल में कारोबार हुआ, साथ ही बढ़ते मामलों पर निकट अवधि की चिंताओं से आर्थिक पलटाव की उम्मीद के साथ।
MSCI का वैश्विक शेयरों का सबसे बड़ा सूचकांक सपाट था क्योंकि इक्विटी के लिए एक क्रूर वर्ष के अंत में निवेशक किनारे पर बने रहे। 2008 के वित्तीय संकट के बाद से अपने खराब प्रदर्शन में वैश्विक गेज 2022 को 19.5% नीचे समाप्त करने के लिए तैयार है, पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में लाल-गर्म मुद्रास्फीति के दबाव में फंस गया है, प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, और चीन के कड़े शून्य- COVID नीतियां।
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वैश्विक शांति सूचकांक 2021
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Institute for Economics and Peace – IEP) सिडनी द्वारा घोषित वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index – GPI) का 15 वां संस्करण, GPI वैश्विक शांति का दुनिया का प्रमुख उपाय है. सूचकांक 163 स्वतंत्र राज्यों और क्षेत्रों को उनके शांति स्तर के अनुसार रैंक करता है. यह रिपोर्ट शांति के रुझानों, इसके आर्थिक मूल्य और शांतिपूर्ण समाजों को कैसे विकसित किया जाए, इस पर अब तक का सबसे व्यापक डेटा-संचालित विश्लेषण प्रस्तुत करती है.
- आइसलैंड दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है, जो 2008 से इस स्थिति में है.
- यह न्यूजीलैंड, डेनमार्क, पुर्तगाल और स्लोवेनियाद्वारा सूचकांक के शीर्ष पर शामिल हो गया है.
- अफगानिस्तानलगातार चौथे वर्ष दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश है, इसके बाद यमन, सीरिया, दक्षिण सूडान और इराक हैं.
दक्षिण एशिया:
- भारतअपने पिछले साल की रैंकिंग से दो पायदान ऊपर चढ़कर दुनिया का 135वां सबसे शांतिपूर्ण देश और इस क्षेत्र में 5वां देश बन गया है.
- इस क्षेत्र में भूटान और नेपालको पहले और दूसरे सबसे शांतिपूर्ण के रूप में नामित किया गया है.
- 2021 के वैश्विक शांति सूचकांक में बांग्लादेशको 163 देशों में से 91वें स्थान पर रखा गया है. सूची के अनुसार, बांग्लादेश दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे शांतिपूर्ण है.
- श्रीलंका2020 से 19 पायदान नीचे गिरकर इस साल की रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर 95वें और दक्षिण एशिया में चौथे स्थान पर आ गया है.
- दक्षिण एशिया में शांति में सबसे बड़ा सुधार पाकिस्तानमें हुआ, जो पिछले साल की रैंकिंग से दो पायदान ऊपर उठकर वैश्विक स्तर पर 150वें और इस क्षेत्र में छठे स्थान पर रहा.
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
(VivaTech)
विवा टेक यूरोप में सबसे बड़ी डिजिटल और स्टार्टअप आयोजनों में एक है। वर्ष 2016 से इसका आयोजन प्रतिवर्ष पेरिस में किया जाता है।
- इसका आयोजन संयुक्त रूप एक प्रमुख विज्ञापन और विपणन समूह ‘पब्लिसिज ग्रुप’और अग्रणी फ्रांसीसी मीडिया समूह ‘लेस इकोस’ द्वारा किया जाता है।
- यह प्रौद्योगिकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितधारकों को एक साथ लाता है। इस आयोजन में प्रदर्शनियां, पुरस्कार, पैनल चर्चा और स्टार्टअप प्रतियोगिताएं शामिल की जाती हैं।
अमृत काल की ओर भारत
15 अगस्त को पीएम मोदी ने कहा था कि चूंकि भारत आजादी के 75 साल मना रहा है, इसलिए अगले 25 साल (अमृत काल) के लिए नए सिरे से फोकस और संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। इसके लिए पांच संकल्पों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन पांच संकल्पों में विकसित भारत बनाने का लक्ष्य, गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग, अपनी विरासत पर गर्व, राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास और हर नागरिक का कर्तव्य का दायित्व वाला विकसित भारत शामिल है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने युवाओं से अपने जीवन के अगले 25 साल राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित करने का आग्रह किया था। ट्रेड वॉर, तेजी से बिगड़ते जलवायु और ऊर्जा संकट, कोविड-19 महामारी और यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच दुनिया जिस भारतीय लोकतंत्र की ओर देख रही है, युवा उद्यमियों के लिए अमृत काल में इससे बड़ा महत्वपूर्ण कुछ और नहीं हो सकता।
5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
दुनिया के तमाम बड़े निवेशक बैंक, संगठन और विशेषज्ञों का कहना है कि अगला दशक हिंदुस्तान का है। यही वजह है कि दुनिया आज भारत का लोहा मान रही है। भारत विश्व की Fastest Growing अर्थव्यवस्था में शामिल है। यही वजह है कि वैश्विक महामारी को मात देकर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। खास बात यह है कि भारत ने यह है कि ब्रिटेन को पछाड़कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी रह गए हैं। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर भारत ने तय किया है, इस लिहाज से यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है।
18 नवंबर को पूरे देश ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने डिजाइन और तैयार किया था। इस रॉकेट का नाम है – ‘विक्रम–एस।| श्रीहरिकोटा से स्वदेशी स्पेस स्टार्ट-अप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। इसके साथ ही भारत में अंतरिक्ष तकनीक के मामले में निजी रॉकेट कंपनियों के प्रवेश की शुरुवात हो गई है। प्रमुख वैश्विक सूचकांक भारत अब उन चंद देशों में शामिल हो गया है जहां निजी कंपनियां भी अपने प्रमुख वैश्विक सूचकांक बड़े रॉकेट लॉन्च करती हैं।
पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति
आजादी के बाद पहली बार देश को आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनीं। खास बात ये भी है कि वह देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हैं, जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ली। द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है
भारत सरकार द्वारा 2014 में गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘नमामि गंगे’ परियोजना को दुनिया की 10 ऐसी प्रमुख पहलों में शामिल किया गया है, जिन्होंने प्राकृतिक दुनिया को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार की 2014 में शुरू ‘नमामि गंगे’ योजना गंगा और उसकी सहायक नदियों के मैदानी हिस्सों के पुनर्जीवन और संरक्षण, गंगा बेसिन के कुछ हिस्सों के वनीकरण और सतत कृषि को बढ़ावा देने की पहल है। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य अहम वन्यजीव प्रजातियों को पुनर्जीवित करना भी है।
Mumbai: मिलेजुले वैश्विक रूझानों के बीच शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स, निफ्टी में गिरावट
मुंबई:(Mumbai) वैश्विक बाजारों(global markets) में मिलेजुले रुख और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट हुई। इससे पहले दो दिन तक शेयर बाजारों में तेजी का रुख था।
इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 213.66 अंक गिरकर 60,713.77 अंक पर आ गया। व्यापक एनएसई निफ्टी 63.95 अंक प्रमुख वैश्विक सूचकांक टूटकर 18,068.35 अंक पर था।
सेंसेक्स में इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक, विप्रो, आईटीसी और इंडसइंड बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
इस साल चौतरफा संकट के बीच भी सेंसेक्स में दिखा उछाल, दुनिया में किया बेहतर प्रदर्शन
साल के ज्यादातर समय तक रही सुस्ती के बाद त्योहारी सत्र में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और यह एक दिसंबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 63,284.19 पर बंद हुआ था. हालांकि, वर्ष के अंत में तेजी की उम्मीद धूमिल होने लगी.
Newz Fast, New Delhi साल 2022 में सेंसेक्स में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. 2022 में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा कीमतों में तेजी और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की सख्त मौद्रिक नीतियों से पैदा हुए दबाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों ने अन्य बाजारों की तुलना में इन संकटों का कहीं बेहतर ढंग से सामना किया.
घरेलू निवेशकों के अटूट विश्वास ने दलाल स्ट्रीट को वैश्विक उठा-पटक से काफी हद तक अनछुआ रखा और भारतीय बाजार के मानक सूचकांक ने निराशाजनक संकेतों का सामना आत्मविश्वास से किया.
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