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दावा निपटान अनुपात का महत्व
स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि का ग्राफ बड़ी तेज़ी से बढ़ता देखा जा सकता है। लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है इसके अतिरिक्त, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में भी चिंताजनक वृद्धि लगातार हो रही है। दौड़ती भागती और तनावपूर्ण नौकरी, खाने की खराब आदतें और व्यायाम का समय न होना वह सामान्य कारण हैं जो बीमारियों के बढ़ने की वजह बन रहे हैं।
एक बार अस्पताल में भर्ती होने पर किए जाने वाले खर्चे बहुत आसानी से आपकी वित्तीय हालत पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए आपकी वित्तीय स्थिति को स्थायित्व देने के लिए एक अच्छी स्वास्थ्य योजना का होना बहुत जरूरी माना जा सकता है। बीमा लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है बाज़ार में विभिन्न बीमा कंपनियाँ हैं जो अनेक विशेषताओं, प्रीमियम और सीमाओं वाली योजनाएँ अपने ग्राहकों को दे रही हैं। इसलिए, अच्छा यही होगा कि आपको अपना एक निर्णय लेने से पहले इन सभी विकल्पों के आधार पर सर्वे जरूर करे ।
निपटान दावा अनुपात
यह अनुपात बीमा कंपनी द्वारा एक वर्ष में निपटाए गए दावों की संख्या और उस वर्ष में किए गए दावों की कुल संख्या को दर्शाता है। इसे ज्ञात करने के लिए बीमा कंपनी के पास आए कुल क्लेम की संख्या और कंपनी के द्वारा निपटाए गए दावों की संख्या को विभाजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक बीमा कंपनी के पास एक वर्ष में 10 दावों की प्रार्थना आती हैं और अगर उसमें से 7 का निपटारा करती है तब सीएसआर 70% होगा।
इस अनुपात की मदद से भविष्य में आपके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दावे के निपटान में लगने वाले समय का अनुमान लगाना सरल हो सकता है।
सीएसआर क्या होता है?
दावा निपटान अनुपात को समझ लेने के बाद अब आप एक अच्छे अनुपात के बारे में जानना चाहेंगे। सामान्य रूप से एक स्वास्थय बीमा में 80% से अधिक दावा निपटान अनुपात अधिक माना जाता है। फिर भी, यह जरूरी है कि अपने लिए एक अच्छी बीमा कंपनी को चुनते समय केवल इसी अनुपात को ही एकमात्र आधार न बनाएँ। जब आप किसी बीमा कंपनी के पक्ष में निर्णय देने का मन बना लें तब अच्छा यही होगा कि आप उस बीमा कंपनी के संबंध में दिये गए ऑनलाइन रिव्यू पढ़ने के साथ ही अपने दोस्तों और रिशतेदारों से भी उनकी राय ज़रूर जानें।
आप एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी इसलिए लेते हैं जिससे किसी मेडिकल एमर्जेंसी में आपको पैसे के बारे में चिंता लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है करने की जरूरत न पड़े। स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के दावा निपटान अनुपात, जरूरत पड़ने पर भविष्य में आपके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दावे के निपटारे से जुड़े कुछ अच्छे परिणाम प्राप्त करने की संभावना दिखा सकती हैं।
दावा निपटान अनुपात और प्रीमियम राशि
यह बहुत जरूरी है कि आप केवल बीमा पॉलिसी के कम प्रीमियम से आकर्षित होकर किसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को उस बीमा कंपनी से खरीद लें जिसका दावा निपटान अनुपात तुलनात्मक रूप से कम हो। हालांकि इस स्थिति में आप बेशक प्रीमियम का कम भुगतान करके धन की बचत अवश्य कर लेंगे, लेकिन इस बात की संभावना हो सकती है कि आपको जब पैसे की जरूरत हो तब आपके बीमा दावे को रिजेक्ट कर दिया जाये। ऐसी परेशानी की घड़ी में आप उस राशि से अधिक राशि को खर्च कर सकते हैं जो आपने पहले कम प्रीमियम के रूप में बचाई थी।
वह बीमा कंपनी जिसका दावा निपटान अनुपात अधिक है तब वहाँ से थोड़ा अधिक राशि का भुगतान करके बीमा योजना लेना लंबे समय में सुखकारी ही सिद्ध हो सकता है। इसलिए आपको यही सलाह दी जाती है कि एक अच्छा और संतुलित निर्णय लेने के लिए आपको बीमा कंपनी की ऑनलाइन कंपेयर सोर्स की मदद से दावा निपटान अनुपात के विभिन्न अंगों की भली प्रकार से तुलना करके ही निर्णय लें। सामान्य रूप से कंपनियाँ अपने वार्षिक आंकड़े जैसे दावा निपटान अनुपात 2016 आदि को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करती हैं।
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस
भारत के पहले स्टैंड-अलोन हेल्थ इंश्योरेंस लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है प्रोवाइडर स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने 2006 में अपना कारोबार शुरू किया। स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अन्य स्टर्लिंग बीमा सेवाओं की एक सरणी के साथ स्वास्थ्य, व्यक्तिगत दुर्घटना और विदेशी यात्रा बीमा में अग्रणी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
स्टार हेल्थ के पास सभी को पूरा करने के लिए उत्कृष्ट उत्पाद हैं और विभिन्न उपभोक्ताओं के लिए खानपान करने वाले अग्रणी बाजार खिलाड़ियों में से एक है, चाहे वह व्यक्ति हों, परिवार हों या कॉर्पोरेट। लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कई भारतीय बैंकों के साथ लंबे समय से संबंध रखने वाले बैंकासुरेंस में प्रमुख रूप से है। पूरे भारत में 12800 से अधिक कर्मचारियों और 640 से अधिक शाखा कार्यालयों के साथ, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया है। हेल्थ इंश्योरेंस सबसे होनहार सेगमेंट में से एक है जिसमें कंपनी काम करती है।
Ratio (Intas)
Ratio (Intas) डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है, जो मेडिकल स्टोर से टैबलेट दवाओं के रूप में मिलती है। यह दवाई खासतौर से दर्द, सूजन के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। Ratio (Intas) का उपयोग कुछ अन्य लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
मरीज की उम्र, लिंग व स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के आधार पर ही Ratio (Intas) की खुराक निर्धारित की जाती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है लाभ का अनुपात गोल्डन क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें।
कुछ मामलों में Ratio (Intas) के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Ratio (Intas) के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं।
अनुपात और समानुपात प्रश्नावली
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1 . Question
पिंकू रिंकू और टिंकू आपस में Rs 4200 की राशि क्रमशः 7:8:6 के अनुपात में बांटते हैं। इनमें से प्रत्येक के हिस्से में Rs 200 जोड़े जाएं, तो उनकी राशि के हिस्सों का नया अनुपात क्रमशः क्या होगा?
Ratio of the amounts received by A, B and C = 7 : 8 : 6
∴ Sum of the ratios = 7 + 8 + 6 = 21
Sum received by
Pinku = × 4200 = Rs 1400
गोल्ड लोन लेना न सिर्फ आसान पड़ता है, बल्कि सस्ता भी रहता है. लेकिन, कई बार यह सवाल उठता है कि जब अन्य लोन की तरह इस . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 19, 2022, 15:51 IST
मूलधन पर धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाएगी.
ब्याज पर धारा 24 के तहत सालाना 2 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाएगी.
गोल्ड लोन पर सालाना 3.50 लाख रुपये की टैक्स छूट ले सकते हैं.
नई दिल्ली. आपात समय में पैसों की तत्काल जरूरत के लिए अक्सर लोग अपनी बचत या जेवर-गहनों का इस्तेमाल करते हैं. गोल्ड लोन का चलन बढ़ने से यह और भी आसान हो गया है. इस पूरी प्रक्रिया में भले ही पैसे अपने सोने की कीमत के अनुपात में मिलते हों, लेकिन उसके एवज में ज्यादा तो चुकाना ही पड़ता है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब होम लोन पर हम दिए गए ब्याज और मूलधन पर टैक्स छूट ले सकते हैं तो गोल्ड लोन (Gold Loan) पर यह सुविधा क्यों नहीं मिलती है.
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